अछा लगता है आजकल अकेले रहना। कुछ वक़्त मिल रहा है सब काम ख़तम होने के बाद सोचने का ,चुप रहने का। सात साल कि शादी के बाद पहली बार है। मगर सही है।
पिछले काफी दिनों सी अकेली हो गयी हूँ। राहुल काफी बिजी रहते हैं।
थोडा बहुत टाइम निकल लेते हैं। मगर फिर भी पहले छोटी से छोटी बात उनसे कहती थी अब सोचना पड़ता है। इतने से टाइम में कौनसी बात ज्यादा ज़रूरी है। बच्चों के पीछे, घर के काम में दिन निकल जाता है रात आते ही अकेलापन खाता है। किस से बात करूं दिन भर बच्चों ने कैसी शरारत करी किसे बाटूँ। थक गयी हूँ किसके कंधे पर सर रखके कहूँ " आज तो बस थका दिया बच्चों ने "।
सब कहते है जब बड़ी पोस्ट पर पोहंच जाते है तो ऐसा ही होता है। शायद आदत पड़ जाएगी।
कितना अजीब है एक इंसान के इर्द गिर्द आपकी ज़िन्दगी घूम रही है वोः अगर पास नहीं है तो अकेला लगता है। मगर आदत खुद ही डाली तब नहीं सोचा।
शायद अछा ही है खुद के साथ भी बात करना अछा लगता है.
गुलजार साहब का कुछ लिखा हुआ पढ़ रही थी अछा लगा इसलिए लिख दिया।
बे - यारो मददगार ही काटा था सारा दिन
कुछ ख़ुद से अजनबी सा
तन्हा , उदास -सा ,
साहिल पे दिन बुझा के मैं ,लौट आया फिर वहीँ ,
सुनसान -सी सड़क के खाली मकान में !
दरवाजा खोलते ही , मेज पैर रखी किताब ने,
हल्के से फड़फड़ा के कहा ,
"देर कर दी दोस्त "
पिछले काफी दिनों सी अकेली हो गयी हूँ। राहुल काफी बिजी रहते हैं।
थोडा बहुत टाइम निकल लेते हैं। मगर फिर भी पहले छोटी से छोटी बात उनसे कहती थी अब सोचना पड़ता है। इतने से टाइम में कौनसी बात ज्यादा ज़रूरी है। बच्चों के पीछे, घर के काम में दिन निकल जाता है रात आते ही अकेलापन खाता है। किस से बात करूं दिन भर बच्चों ने कैसी शरारत करी किसे बाटूँ। थक गयी हूँ किसके कंधे पर सर रखके कहूँ " आज तो बस थका दिया बच्चों ने "।
सब कहते है जब बड़ी पोस्ट पर पोहंच जाते है तो ऐसा ही होता है। शायद आदत पड़ जाएगी।
कितना अजीब है एक इंसान के इर्द गिर्द आपकी ज़िन्दगी घूम रही है वोः अगर पास नहीं है तो अकेला लगता है। मगर आदत खुद ही डाली तब नहीं सोचा।
शायद अछा ही है खुद के साथ भी बात करना अछा लगता है.
गुलजार साहब का कुछ लिखा हुआ पढ़ रही थी अछा लगा इसलिए लिख दिया।
बे - यारो मददगार ही काटा था सारा दिन
कुछ ख़ुद से अजनबी सा
तन्हा , उदास -सा ,
साहिल पे दिन बुझा के मैं ,लौट आया फिर वहीँ ,
सुनसान -सी सड़क के खाली मकान में !
दरवाजा खोलते ही , मेज पैर रखी किताब ने,
हल्के से फड़फड़ा के कहा ,
"देर कर दी दोस्त "
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